
पाकिस्तान की अमेरिका से बढ़ने लगी नजदीकियां, अपने पुराने दोस्त चीन को अब क्या देगा जवाब ?

इस्लामाबाद: इन दिनों पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में सुधार की खबरें सामने आ रही हैं। फिलहाल पाकिस्तान इस समय सबसे बुरी आर्थिक मंदी की मार झेल रहा है। ऐसे में वो कई देशों में मदद माँगता फिर रहा है। ऐसे में अमेरिका के पास तो पाकिस्तान चला गया लेकिन अपने सबसे प्रिय मित्र देश चीन को क्या जवाब देगा पाकिस्तान यह सोचने वाला और विश्लेषण वाला विषय है।
भारत से सुधार नहीं करना चाहता है पाकिस्तान
कूटनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक दोनों देशों ने आपसी रिश्ते को भारत और अफगानिस्तान के साथ उनके अलग-अलग रिश्तों से अप्रभावित रखने का तरीका ढूंढ लिया है। इसका मतलब यह है कि भारत से अमेरिका के गहराते संबंध पर पाकिस्तान एतराज नहीं करेगा। उधर अफगान तालिबान से पाकिस्तान के रिश्तों की अमेरिका अनदेखी करेगा।
कई अधिकारी कर चुके हैं पाकिस्तान का दौरा
कई बड़े अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान का दौरा किया है। जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो सहित कई बड़े पदाधिकारियों ने अमेरिका की यात्रा की है। इसके बाद पाकिस्तानी टीकाकारों में इस सवाल पर चर्चा तेज हो गई है कि अमेरिका से बनते नए संबंध का चीन से पाकिस्तान के रिश्तों पर क्या असर होगा।
शहबाज शरीफ दे रहे हैं अमेरिका को प्राथमिकता
शहबाज शरीफ सरकार ने सत्ता में आने के बाद अमेरिका से रिश्ते सुधारने को खास प्राथमिकता दी है। लेकिन पाकिस्तान के कूटनीतिक विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि इसका चीन से पाकिस्तान के रिश्तों पर विपरीत असर हो सकता है। थिंक टैंक ईस्ट एशिया फोरम से जुड़े विशेषई आरिफ रफीक ने लिखा है- ‘अमेरिका से संबंध सुधारने का पाकिस्तानी नेताओं का प्रयास सही दिशा में है।
पाकिस्तान की इसके पीछे है बड़ी चाल
इसलिए कि अमेरिका पाकिस्तान के निर्यात का सबसे बड़ा बाजार है और अमेरिका में पाकिस्तानी मूल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। लेकिन अमेरिका और चीन के बीच चल रही होड़ में वे उलझे, तो यह उनका अनाड़ीपन होगा।’ उन्होंने ध्यान दिलाया है कि फिलहाल अमेरिका पाकिस्तान से यह नहीं कह रहा है कि उसे अमेरिका या चीन में से किसी एक चुनना होगा।