
ई-रूपी से डिजिटल लेन देन होगा आसान, आरबीआई ने चार शहरों मे शुरू किया परीक्षण

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से डिजिटल इकोनॉमी और डिजिटल लेन देन के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने सतत रूप लोगों को इस दिशा में प्रेरित किया है और तकनीकि स्तर पर उनकी राह आसान बनाकर इसके उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा न सिर्फ सरकार के स्तर पर बल्कि आम जन के स्तर पर भी प्रेरणास्रोत रहे हैं। पूरे देश ने देखा कि कैसे नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री की प्रेरणा और जनता ने अपनी जरूरतों के मद्देनजर डिजिटल लेन देन को अपनाया। आज न सिर्फ बड़े लेन देन के लिए बल्कि आम जरूरतों के लिए भी लोग डिजिटल माध्यमों से सहजता से लेन कर रहे हैं। कई तरह के डिजिटल प्लेटफार्म की सुविधा आम जन को मिल रही है। चाहे फोन-पे हो, या फिर पेटीएम, गूगल-पे या अन्य एप्प लोग आसानी से इसका उपयोग कर रहे हैं। उसी कड़ी में आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डिजिटल लेन-देन को और मजबूती देने के लिए ई-रूपी को लांच किया है।
पी2पी और पी2एम दोनों के रूप में कर सकेंगे लेन-देन
आरबीआई का दावा है कि ई-रूपी के जरिये व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से मर्चेंट (पी2एम) दोनों के रूप में लेन-देन किया जा सकेगा। मर्चेंट यानी व्यापारियों के यहां लगे क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान किया जा सकेगा। परन्तु नकदी की तरह ही धारक को डिजिटल मुद्रा पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इसे बैंकों के पास जमा के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
चार शहरों में शुरू हुई पायलट परियोजना
बैंक का कहना है कि ई-रूपी एप्प का परीक्षण दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू और भुवनेश्वर में सीबीडीसी के खुदरा इस्तेमाल से जुड़ा पहला पायलट परीक्षण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त आरबीआई ने 8 बैंकों का भी चयन किया है। इसमें पहले चरण में चार बैंक हैं। बाद में अन्य बैंकों को जरूरत के आधार पर इस योजना में शामिल किया जा सकता है।
इ-रूपी के फायदे
जानकारों की मानें तो डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में डिजिटल रुपये मददगार साबित होगा। मोबाइल वॉलेट की तरह ही इससे पेमेंट करने की सुविधा होगी। डिजिटल रुपया को बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट कर सकेंगे। विदेशों में पैसे भेजने की लागत में कमी आएगी।