
महावीर मंदिर के प्रसाद के पैसे से होता है, कैंसर का ईलाज

हनुमान जी को संकट मोचन के नाम से भी जाना जाता है. अब हम जो बताने जा रहे है उसे जान कर यह सिद्ध हो जाएगा कि हनुमान जी वास्तव में संकट मोचन हैं. वह भी उन भक्तों के लिए जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं। इस जानलेवा बिमारी का इलाज इतना महंगा है कि लोग इलाज के बिना ही मर जाते है. लेकिन अब एक ऐसी बात सामने आयी है कि हनुमान जी का प्रसाद है जो कैंसर से पीड़ितों के लिए ईलाज का माध्यम बन गया है।
बिहार की राजधानी पटना में रेलवे स्टेशन के पास फेमस महवीर मंदिर इस बात के लिए काफ़ी समय से चर्चा में है क्योकि यहाँ हर दिन बड़ी संख्या में भक्तों का आना होता है लेकिन मंगलवार और शनिवार के दिन सबसे अधिक संख्या में भक्त जुटते हैं। यहां हनुमान जी को घी के लड्डू का भोग लगाया जाता है जिसे नैवेद्यम नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में हर दिन करीब 25,000 लड्डूओं की बिक्री होती है। महावीर मंदिर ट्रस्ट के अनुसार इन लड्डूओं से जो पैसा आता है वह महावीर कैंसर संस्थान में उन मरीजों पर खर्च किया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और कैंसर का ईलाज करवाने में सक्षम नहीं हैं।
इस हनुमान मंदिर की एक और बड़ी खूबी हैं कि इसमें एक साथ हनुमान जी की दो प्रतिमा है। कहते हैं कि एक भक्तों और साधु जनों की रक्षा करने वाले हैं तो दूसरे दुष्ट जनों का नाश करने वाले।