
ड्रोन घुसपैठ को रोकने के लिए सेना की नई योजना तैयार, बड़ी बैठक में लिया गया फैसला

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में इंटरनेशनल बोर्डेर पर पाकिस्तान की और से ड्रोन के माध्यम से घुसपैठ की कोशिश की जाती है। कई बार हथियार तो कई बार ड्रग्स भी बॉर्डर के माध्यम से भारत में लाई जाती है। इसी पाकिस्तान की नापाक हरकत को रोकने के लिए भारतीय सेना ने सीमा पर नई रणनीति बनाई है।
मामले में की गई बैठक
बैठक में पाकिस्तानी ड्रोन से निपटने सहित सुरंगों पर चर्चा की गई। पाकिस्तान भारत में आतंकी घुसपैठ व नशा और हथियारों की तस्करी कर माहौल बिगाड़ने की फिराक में है। इसके लिए नित नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
रक्षा विभाग के अनुसार
रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कि पंजाब व जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिये हथियार व नशे की खेप भेजने की वारदातें आम हो गई हैं। जिसे लेकर भारतीय सुरक्षाबल व एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
बैठक में यह यूनिट हुए शामिल
बैठक में एडीजी, डब्ल्यूसी चंडीगढ़ राम शास्त्री, लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह एसएम जीओसी योल कैंप धर्मशाला, एडीजीपी जम्मू जोन मुकेश सिंह, एसपीएल सचिव (आईएस) गृह मंत्रालय नई दिल्ली सुंदरी नंदा, संयुक्त सचिव एमएचए नई दिल्ली अनिल सुब्रमण्यम, एडीआईआर, आईबी दिल्ली प्रवीण कुमार, आईजीपी सीआईडी जम्मू-कश्मीर नितेश कुमार, आईजी बीएसएफ मुख्यालय जम्मू डीके बूरा, आईजीपी, सीआरपीएफ जम्मू सेक्टर महेश चंद्र लड्डा मौजूद रहे।
जम्मू के यूनिट ने भी लिया भाग
इसके अलावा ब्रिगेडियर डीकेआर गौतम, 168सांबा, एसपीएस संधू डीआईजी (जी) मुख्यालय जम्मू, ब्रिगेडियर विक्रांत नायर डीआईजी (ओपीएस) मुख्यालय जम्मू, विकास मोहन डीआईजी और राजा पॉल कमांडेंट एडीएम एसएचक्यू बीएसएफ इंद्रेश नगर और सुरेंद्र कुमार कमांडेंट 161वीं वाहिणी, 48वीं वाहिनी के अधिकारी उपस्थित रहे।
यहां से होती है घुसपैठ
सांबा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र बैनगलाड़ से राजपुरा के बंई नाले तक पाकिस्तानी ड्रोन की घुसपैठ होती रही है। सूत्रों के अनुसार 2021 में बैनगलाड स्थित सीमा पर सुरंग मिली थी। 2022 में चक फकीरा क्षेत्र से सुरंग का मुहाना मिला था। राजपुरा के रिगाल व चलेआरी से भी एक सुरंग सुरक्षाबलों ने खोजी थी।