
Achievements of Women in the Indian Army: भारतीय सेना में नारी शक्ति का नेतृत्व और उपलब्धि

भारतीय सेना में महिलाओं का नेतृत्व और उपलब्धि के इस भाग में बात होगी उस नारी शक्ति की जिन्होंने अपने कोशिशों के दम पर भारतीय सेना में महिलाओं के लिए दरवाजे खोलें। आज आप जानेंगे उन नारी शक्तियों के बारे में जिन्होंने देश सेवा का सपना देखा और अपने जुनून से भारतीय सेना में शामिल हुईं।
प्रिया झिंगन
हिमचाल की बेटी प्रिया झिंगन ने देश की महिलाओं के लिए इंडियन आर्मी में भर्ती होने के रास्ते खोले। प्रिया मे आर्मी के चीफ को एक पत्र लिखा और उनसे महिलाओं की सेना में भर्ती को लेकर सवाल किए। जिसका उन्हें पॉजिटिव रिस्पॉंस मिला और वो इससे बेहद खुश हुईं। इसके बाद प्रिया का भारतीय सेना में जाने का बचपन का सपना पूरा हुआ। वो चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग में जाने नंबर-1 कैंडिडेट बनीं। इसी के साथ प्रिया भारतीय सेना में शामिल होने वाली देश की पहली महिला भी बनीं। बता दें स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद प्रिया ने लॉ में एडमिशन लिया था। लेकिन हमेशा से उनका मन भारतीय सेना में जाने का था। प्रिया ने अपने अपने मन की सुनी और सेना में भर्ती होने की कोशिश को अंजाम तक पहुंचाया।
ज्योति शर्मा
ज्योति शर्मा ने अपनी काबलियत के दम पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। वो भारतीय सेना में महिला जज एडवोकेट जनरल बनीं। यह इंडियन आर्मी में पहला मौका रहा जब कोई महिला अधिकारी को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। ज्योति विधि विशेषज्ञ के विदेश से जुड़े मामले देखेंगी। बता दें भारतीय सेना की जज एडवोकेट जनरल एक अलग शाखा है। इसमें कानूनी रुप से योग्य सेना के अधिकारी ही शामिल किए जाते हैं।
तरन्नुम कुरैशी
उत्तराखंड के रानीखेत की तरन्नुम कुरैशी ने अपने प्रदेश और देश का नाम रौशन किया। वो भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में पहली महिला आरक्षी बनीं। उनकी इस उपलब्धि से उनके परिवार के लोग काफी खुश हैं। तरन्नुम ने बचपन से ही भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने का सपना देखा था। उनके माता-पिता ने भी उन्हें सेना में जाने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया। तरन्नुम ने मेहनत और मजबूत इरादों के दम पर अपने लक्ष्य को हासिल किया।
स्वाति वत्स
स्वाति वत्स ने हौसलों के पंख फैलाएं और अपने सपनों को पूरा किया। उन्होंने आर्मी में लेफ्टिनेंट के पद पर पहुंचकर अपने परिवार को गौरवानित किया। स्वाति ने बचपन से ही आर्मी में भर्ती होने का सपना देखा था। स्वाति शुरू से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थीं। उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा 75 प्रतिशत और इंटरमीडिएट की परीक्ष 82 प्रतिशत अंक के साथ पास की। स्वाति ने 72 प्रतिशत अंक के साथ बीएमएस की डिग्री भी प्राप्त की। देश सेवा का जुनून दिल में लिए स्वाति ने पढ़ाई पूरी की और सेना में लेफ्टिनेंट बनीं।
वंशिका पांडेय
मध्य-प्रदेश की वंशिका पांडेय ने अपने प्रदेश और देश का नाम रौशन किया। वो संस्कारधानी छग की पहली महिला लेफ्टिनेंट बनीं। उन्हें चेन्नई के ट्रेनिंग ऐकेडमी की पासिंग आउट परेड में लेफ्टिनेंट की पदवी दी गई। वंशिका ने राजनांदगांव में क्लास 1 से लेकर 9 तक की पढ़ाई बाल भारती पब्लिक स्कूल में की। इसके बाद उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई युगांतर पब्लिक स्कूल से की। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वंशिका ने इंजीनियरिंग की डिग्री ज्ञान गंगा इंजीनियरिंग कालेज जबलपुर से प्राप्त की। उन्होंने राजीव गांधी औद्योगिक यूनिवर्सिटी भोपाल की मेरिट लिस्ट में पहला स्थान हासिल किया। इसके साथ ही वंशिका ने मेकेनिकल इंजीनियरिंग में पूरे देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसके बाद वंशिका एसएससी की परीक्षा पास कर भारतीय सेना में शामिल हुईं।