
नो टू लॉकडाउन, यस टू फ्रीडम के नारों से गूंजा आसमान, शी जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी से नाराज अवाम सड़कों पर उतरी

चीन की जनता अपने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कोरोना वायरस संबंधी नीतियों और उससे उपजी लॉकडाउन से जुड़ी परिस्थितियों से बेहद परेशान हो चुकी है। यही कारण है कि वहां के आम लोग सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट कर रहे है। चीन के कई शहरों में मसलन पश्चिम में शिनजियांग से लेकर मध्य चीन में झेनझाऊ और दक्षिण में चोंगकिंग और गुआंगडांग में जनता सड़कों पर उतर आई है। यहां तक की शंघाई में भी इस तरह के प्रदर्शन देखने को मिले और 'शी जिनपिंग गद्दी छोड़ो' के नारे से पूरा आसमान गूंज गया।
क्या है मामला
दरअसल चीन में कोरोना वायरस के चलते सख्त लॉकडाउन लगाया गया है। जिससे की लाखों लोगों को घरों में कैद कर दिया गया है। इन लोगों को खाने-पीने के सामान तक के लिए बाहर नहीं जाने दिया जाता। वहीं इन लोगों का हर दिन कोविड टेस्ट किया जाता है। जिसने लोगों को बहुत परेशानियां हो रही हैं और आम जनजीवन अस्त व्यस्त है।

कैसे भड़की प्रदर्शन की चिंगारी
चीन के शिनजियांग प्रांत के अपार्टमेंट में 24 नंवबर को अचानक आग लग जाती है। वहीं दूसरी और प्रशासन ने बचाव कार्य भी बहुत देरी से शुरू किया। लोगों को उस बिलडिंग से बाहर भी नहीं जाने दिया जा रहा था, वजह थी कोरोना के चलते लगा लॉकडाउन। उस हादसे के बाद चीनी जनता में गुस्सा और भी ज्यादा भड़क गया।
आम नागरिकों की राय
आम लोगों का कहना है, कि हमें गर्मियों में भी घरों में कैद करके रखा गया, और अब सर्दियों में भी घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता। ज्यादातर लोगों की राय है कि यह पाबंदी अब उनसे और नहीं सही जाएगी। यही कारण है कि सरकार के विरोध में सड़को पर उतरे लोग ‘नो टू लॉकडाउन, यस टू फ्रीडम’ जैसे नारे लगा रहे है।