
"संसद भवन"के उद्घाटन को लेकर मचा सियासी बवाल, तय की तारीख पर भी उठ रहा है सवाल
नई दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी जंग तेज हो गई है। 28 मई को पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं जिसको लेकर विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमलावर है। विपक्ष कभी उद्घाटन के लिए तय की गई तारीख को लेकर हमलावर है तो कभी राष्ट्रपति द्वारा ना होकर पीएम द्वारा उद्घाटन को लेकर। कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए। राहुल गांधी के इस ट्वीट के बाद से ही संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है।
दरअसल, 28 मई को वीर सावरकर की जयंती भी है जिसको लेकर कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि इस तारीख का चयन देश के संस्थापक पिताओं का 'अपमान' है। वहीं, प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो यहां तक कह दिया कि लगता है चुनावी लाभ के लिए ही दलित और आदिवासी राष्ट्रपति बनाए गए हैं।
खड़गे ने आरोप लगाया कि 'भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सरकार' में राष्ट्रपति का पद महज प्रतीकात्मक बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि 'ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने दलित और आदिवासी समुदायों से राष्ट्रपति इसलिए चुना ताकि राजनीतिक लाभ लिया जा सके। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी इस समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया जा रहा है।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि, 'देश की संसद से भारत की आजादी का इतिहास जुड़ा है। वह केवल इमारत नहीं है। यह कहना आसान है कि संसद अंग्रेजों के समय बनी, लेकिन पैसा, कारीगर-मजदूर, इमारत में लगे पत्थर सब हमारे ही देश के थे। आज जो सवाल उठाए जा रहे हैं, सरकार को उसका जवाब देना होगा।