
शहरों में आखिर क्यों पड़ रही हैं परिवारों में दरारें!, पांडवनगर हत्याकांड, धोखा, दुःख और नशा कैसे बना साजिश

श्रद्धा हत्याकांड की तरह ही आज एक मामला दिल्ली के पांडवनगर से सामने आया जिसमें कैसे एक मां-बेटे ने मिलकर पिता की हत्या की साजिश रची। कैसे पिता के शव को ठिकाने लगाया। ऐसे में एक सवाल उठता है कि कैसे राजधानी दिल्ली या अन्य बड़े शहरों में लोग अपने घर छोड़ कर रोजी रोटी कमाने आते हैं।
गांव में फिर भी माहौल कुछ अलग होता है वहां पर रिश्तों को समझा जाता है लेकिन जो कुछ भी पांडवनगर में हुए इस हत्या के मामले में हुआ है हम देख रहे हैं कि कैसे शहरों में आकर यही परिवार एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो जाते हैं। पांडवनगर हत्याकांड के बाद जो हाल सामाज में व्याप्त है उससे या सवाल उठ रहा है कि ऐसे माहौल में हम आने वाली पीढ़ी को क्या सीखा रहे हैं।
पुलिस के अनुसार क्या है पूरा मामला
दिल्ली पुलिस के डीसीपी क्राइम अमित गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि 5 जून को पुलिस को रामलीला मैदान में कुछ बॉडी पार्ट मिले। 3 से 4 दिन के बाद फिर से मैदान में ऐसे ही बॉडी के पार्ट मिले। पुलिस ने पहले शव की पहचान की कोशिश की लेकिन पहचान नहीं हो सकी। दिल्ली पुलिस ने मैदान के आसपास के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मृतक की पहचान अंजन के तौर पर की।
रिश्तों में पड़ी अंदरूनी दरार का कारण
पूनम मुलता बिहार की निवासी है। उसकी शादी 13 साल की उम्र में सुखदेव के साथ हुई थी। दोनों को एक बच्चा भी हुआ था लेकिन सुखदेव पूनम को छोड़कर दिल्ली आ गया। पूनम भी उसकी तलाश में दिल्ली आई। यहां पूनम को सुखदेव तो नहीं मिला, लेकिन उसकी नजदीकी कल्लू से बढ़ गई। दोनों ने शादी कर ली। दोनों के तीन बच्चे हुए, इनमें आरोपी दीपक भी शामिल है। 2016 में कल्लू की मौत हो गई और इसके बाद पूनम अंजन के साथ रहने लगी। यह पूनम की तीसरी शादी थी। उधर, अंजन की बिहार में पहले से ही शादी हो चुकी थी। उसके 8 बच्चे भी थे। लेकिन उसने ये बात दूसरी पत्नी पूनम से छिपा रखी थी।
यह बताया जा रहा है हत्या का असली कारण
जानकारी के अनुसार, अंजन कोई कामकाज नहीं करता था। उसने पूनम के गहने भी बेंचकर बिहार में पैसे भेजे। इसे लेकर दोनों के बीच अकसर झगड़ा होता था। जब दीपक की शादी हुई। पूनम को शक था कि अंजन दीपक की पत्नी और बहन पर गलत नजर रखता है। ऐसे में दोनों ने अंजन की हत्या की साजिश रच डाली।