
Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर कर लिया ये उपाय तो हो जाएंगे मालामाल

भगवान सूर्य के उत्तरायण का महापर्व मकर संक्रांति सनातन हिंदू धर्म में संक्रांति का विशेष महत्व बताया गया है। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश ही संक्रांति कहलाता है। 15 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।इस दिन अविरल माँ गंगा में स्नान करने और दान करने से पूण्य प्राप्ति होती है।
मकर संक्रांति के दिन पूजा-पाठ, स्नान-दान के अलावा ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपायों के बारे में भी बताया गया है। जिन्हें करके व्यक्ति का दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है। आप भी भगवान भास्कर के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो मकर संक्रांति के पावन पर्व पर कुछ उपाय अपना कर मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं।
मकर संक्रांति पर करें विशेष उपाय
- कुंडली में सूर्य कमजोर या फिर नीच स्थिति में हों, तो वे मकर संक्रांति के दिन सूर्य यंत्र की स्थापना करें, कुंडली दोष दूर होगा और विशेष लाभ मिलेगा।
- मकर संक्रांति के दिन प्रात:स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें, सूर्य देव को अर्घ्य दें।
-पूर्व दिशा की ओर मुख करके, कुश के आसन पर बैठें और इस मंत्र- ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् का जाप करें।
- मकर संक्रांति के दिन तांबे का सिक्का या फिर तांबे का चौकौर टुकड़ा बहते हुए जल में प्रवाहित करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।
- संक्रांति के दिन लाल रंग के कपड़े में गेंहू और गुड़ को बांधकर किसी जरूरतमंद जरुरतमंद को दान करें। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
- मकर संक्रांति के दिनपके हुए चावल को गुड़ और दूध में मिलाकर खाएं। इससे सूर्य देव प्रसन्न होकर आपके जीवन में आनंद फल देंगे।
- मकर संक्रांति के दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी आदि का दान करने से मनोवांछित फल प्राप्त होगा।
भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व
मकर संक्रांति का ये पावन त्योहार भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व हैं। कहते हैं सूर्य साधना से ब्रह्मा, विष्णु, और महेश तीनों देवों की साधना का फल मिलता है। भगवान भास्कर को संक्रांति का देवता और संसार की आत्मा कहा गया है। भगवान भास्कर ही एक मात्र प्रत्यक्ष देव माने जाते हैं। सूर्यदेव के प्रकाश के बिना जीवन असंभव है। सूर्य समस्त ग्रहों के राजा हैं और इनकी उपासना से सभी ग्रहों का बुरा प्रभाव हमारे जीवन से कम होने लगता है। इनकी उपासना से हमारे तेज, बल, आयु और आंखों की ज्योति में वृद्धि होती है।
पुराणों में भी कहा गया है कि सूर्य समस्त रोगों से मुक्ति दिलाते हैं। मकर संक्रांति वो दिन है जब भगवान भास्कर पृथ्वी के सबसे निकट होकर अपनी किरणों के माध्यम से समस्त रष्मियों का पूर्ण प्रभाव पृथ्वी के सभी प्राणियों पर बिखेरते हैं। इसलिए आज के दिन आस्थावान लोग इस प्रयास में रहते हैं कि सूर्य भगवान की इस कृपा को वो ज़रूर ग्रहण करें।