Surya Samachar
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चौक-चौराहों पर भटकती गाय, पॉलिथिन खाने को मजबूर, सड़क हादसे में हो रही मौत

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नई दिल्ली: दिल्ली, मुंबई, कोलकता, गुजरात महानगरों समेत देश के कई शहरों में गाय का झुंड सड़कों पर घूमते हुए नजर आता है। गाय खाने की तलाश में हाइवे, चौराहें और रास्तों पर भटकती रहती हैं। गाय कूड़े के ढ़ेर में अपना पेट भरने के लिए खाने की तलाश करती हैं। खाने के लिए कुछ ना मिलने पर ये गाय अपनी भूख मिटाने के लिए पॉलीथिन खाते हुए भी देखी जाती है।

गाय हो रही सड़क हादसे शिकार

दरअसल बारिश के मौसम में जब खेतों में फसल बढ़ने लगती है तो इन गायों से फसल को नुकसान न हो इसलिए इन्हें खेतों से खदेड़ कर गांव से बाहर कर दिया जाता है। साथ ही वो गाय जो दूध देना बंद कर देती उन्हें भी ऐसे ही छोड़ दिया जाता है। पशुपालक इन गायों को चारे के लिए भगवान भरोसे छोड़ देते हैं। जिसके बाद जगह-जगह भटकती गाय शहरों में पहुंच जाती है। यहां वो अपनी भूख को शांत करने के लिए कूड़े के ढेर में खाने की तलाश करती हैं। इस दौरान वो सड़क दुर्घना का भी शिकार हो जाती हैं।

बच्चे हो रहे इसके लिए जागरूक

स्कूल-कॉलेज और कोचिंग में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स भी गाय को सड़कों पर पॉलिथिन खाते हुए देखते हैं। वो जरूर सोचते होंगे जिस गाय के बारे में हम किताबों में पढ़ते है उसमें तो यह कही नहीं लिखा कि गाय घास के अलावा पॉलिथिन भी खाती है। हालांकि आज के बच्चे काफी जागरूक और समझदार हैं। उन्हें पता है कि गाय खाने की तलाश में यहां-वहां भटक रही है और पॉलिथिन खाने को मजबूर है। आज के बच्चों के अंदर समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव भी आया है। कोलकाता के नोपेनी हाई स्कूल में कक्षा-7 में पढ़ने वाले प्रियांश प्रकाश का कहना है कि गाय खाने की तलाश में पॉलिथीन खाने को मजबूर हैं और सड़क हादसे का भी शिकार हो जाती हैं। इसलिए हमें गाय को ऐसे सड़क पर नहीं छोड़ना चाहिए।

कैसे निकलेगा समाधान

लावारिस घूम रहे गोवंश को कांजी हाउस लाया जाए साथ ही इनके मालिकों पर जुर्माना भी लगाया जाए। इसके अलावा इन पशु पालकों पर सख्त कार्‌रवाई की भी आवश्यकता है। ताकि वो भविष्य में सड़कों पर गाय का ना छोड़े। इसके लिए समय-समय पर प्रशासन द्वारा निर्देश और आदेश जारी होते हैं। जरूरत है तो इसे सही तरीके से लागू कराए जाने की। पशु पालक को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। जिससे गाय सड़क पर यहां-यहां भटकते हुए पॉलिथिन ना खाए और सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आए।

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