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बजट 2023-24: एकलव्य स्कूलों में निकाली जाएंगी 38,800 भर्ती

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नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार यानी की आज देश का आम बजट पेश किया। उन्होंने अपने कार्यकाल में यह पांचवा बजट पेश किया है। जिसमें वित्त मंत्री ने हर क्षेत्र व वर्ग को ध्यान में रखते हुए घोषणाएं की है। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र को लेकर वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट को पेश करते हुए बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा अगले तीन सालों में देश के 740 एकलव्य स्कूलों में 38,800 शिक्षकों और कर्मचारियों को भर्ती किया जाएगा। इन स्कूलों में 3.5 लाख आदिवासी छात्र पढ़ाई कर रहे है। उन्होंने ये भी कहा कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के बजट में 1418.04 करोड़ रुपए से 581.96 करोड़ रुपए की महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। 2021 में 1418.04 करोड़ रुपए का बजट था जो की 2022-23 में बढ़ाकर 2,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। 
 
अरुण जेटली के सपनों को मिला बढ़ावा
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2018 के बजट सत्र में आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एकलव्य स्कूल खोलने की योजना का एलान किया था। इस स्कूलों में आदिवासी बच्चों को शिक्षा देने के अलावा आदिवासी क्षेत्र की संस्कृति, स्थानिय कला, खेलों और कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाता है। यह योजना आदिवासी छात्रों के लिए चलाए जा रहे आवासीय विद्यालयों की मदद करेगी। इन स्कूलों के जरिए यहां छात्रों को बेहतर पढाई का अवसर तो मिलेगा ही साथ ही शिक्षकों को भी रोजगार मिलेगा। 
 
बजट में शिक्षा की कुछ अहम घोषणाएं 
एकलव्य स्कूलों में भर्ती की घोषणा के साथ कुछ और अहम एलान भी किए गए है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि युवाओं और बच्चों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी भी खोली जाएंगी। अच्छी पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिये राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय गठित किया जाएगा। 2014 से अब तक जो स्थापित की गई 157 मेडिकल कॉलेज के साथ सह-संस्थानों के रूप में 157 नए नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जाएगी। साथ ही मेडिकल की पढ़ाई के लिए बहु-विषयक सहायक सामग्री की व्यवस्था की जाएगी।

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