
नए संसद भवन के उद्धघाटन पर सियासत जारी, अब ओवैसी ने सुझाया नया नाम

नई दिल्ली: नए संसद भवन के उद्धघाटन के मामले में राजनीतिक सियासत जारी है। अब तक लगभग 19 राजनितिक दल इस उदघाटन का विरोध कर चुके हैं। ऐसे में AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में कुछ अलग ही बयान दे डाला है।
यह बोले ओवेसी
ओवैसी ने कहा कि नई संसद की जरूरत है, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता, क्योंकि मौजूदा संसद भवन को फायर डिपार्टमेंट की एनओसी ही नहीं है। उन्होंने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पीएम ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसका एजेंडा एक राष्ट्र, एक चुनाव था। तकरीबन सभी पार्टियां इससे सहमत थीं। हालांकि मैंने और सीताराम येचुरी ने इसका विरोध किया था। मैंने नई लोकसभा बनाने का प्रस्ताव दिया था। उस वक्त पीएम मुझे पर बहुत नाराज हुए थे।
ओम बिरला का नाम सुझाया
ओवैसी ने कहा कि हमारा बस इस बात पर विरोध है कि पीएम नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि थ्योरी ऑफ सेप्रेशन ऑफ पावर संविधान का हिस्सा है। अगर पीएम उद्घाटन करेंगे तो ये संविधान का उल्लंघन होगा। उन्होंने नाम सुझाते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इसका उद्घाटन करवाना चाहिए। अगर उनसे उद्घाटन नहीं कराया जाएग तो हम भी समारोह में शामिल नहीं होंगे।
यह पार्टीयां कर चुकी है विरोध
19 विपक्षीय दलों ने बायकॉट का ऐलान किया है। इन दलों में कांग्रेस, डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), AAP, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, भाकपा, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) शामिल हैं।