
स्वामी प्रसाद मौर्य बोले सिर, नाक, जीभ काटने की धमकी से डरने वाला नहीं, आपत्तिजनक चौपाई नहीं हटी तो जारी रहेगा विरोध

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अपने रामचरितमानस वाले बयान को लेकर विवादों के घेरे में हैं। उनके बयान पर भाजपा समेत कई हिंदू संगठनों ने हमला किया है। मौर्य ने अब साफ शब्दों में कह दिया है कि जब तक रामचरितमानस से चौपाई की वो लाइन नहीं हटी तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा। फिर चाहे मुझे सिर, नाक और जीभ काटने की कितनी भी धमकी क्यों न मिलती रही।
काटने की बात करने वाले धर्मगुरुओं को मैं क्या समझूं- मौर्य
सपा के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य इस समय काफी चर्चा में हैं। रामचरितमानस पर की गई उनकी टिप्पणी से उत्तर-प्रदेश की राजनीति गर्मागई है। उनके खिलाफ कई राजनेताओं समेत धर्मगुरुओं ने मोर्चा खोल दिया है। स्वामी प्रसाद का अब एक नया बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने धर्मगुरुओं द्वारा उन्हें लेकर की गई टिप्पणी का जवाब दिया है।उन्होंने कहा कि धर्म का व्यक्ति गर्दन काटने या जीभ काटने पर बयान देता है तो यही धर्मगुरु और संत-महंत उसे आतंकवादी घोषित कर देते हैं, लेकिन आज जब यही संत मेरा सिर काटने, जीभ काटने की बात कर रहे हैं, तो मैं इन्हें क्या समझूं? क्या मैं इन्हें शैतान, जल्लाद या फिर आतंकी समझूं? बता दें स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस वाले बयान पर अयोध्या के जगतगुरु परमहंस आचार्य ने प्रतीकात्मक रूप से मौर्य के पोस्टर का तलवार से सिर काटते हुए जला दिया था और धमकी दी कि अगर वो अब भी नहीं सुधरे तो मैं खुद अपने हाथों से उनका गला काट दूंगा।
चौपाई नहीं हटी तो जारी रहेगा अभियान-मौर्य
इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि, मैं उनकी धमकियों से डरने वाला नहीं हूं। हमने पिछड़ों और वंचितों के सम्मान की बात उठाई है। जब तक श्रीरामचरितमानस की आपत्तिजनक टिप्पणी संशोधित या प्रतिबंधित नहीं होती तब तक यह अभियान जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि 'हम तो दलितों और पिछड़ों को गाली खाने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं तो गाली देने वालों के पेट में दर्द हो रहा है। हम अपमानित किए जाने की व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं।लेकिन जो लोग अपमानित करने को अपना धर्म समझते हैं, उनके पेट में दर्द हो रहा है।'
कानून और संविधान पर मुझे भरोसा-मौर्य
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उन्हें कानून और संविधान पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, मैं शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहरहा हूं और आगे भी कहता रहूंगा।मौर्य ने कहा कि, 'बड़े नेता हों, छोटे नेता हों, किसी पार्टी या संगठन से जुड़े हुए हों, मेरा अनुरोध उनसबसे है कि इस देश के 97 प्रतिशतआबादी वाले सभीशूद्र समाज और महिलाओं को सम्मान देने के लिए आगे आएं। अभी तक धर्म के नाम पर जो अपमानित किए जाने की परंपरा चली आ रही है, जिसपर तत्काल रोक लगनी चाहिए।'
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की एक चौपाई को लेकर कहा था कि गाली कभी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता। अपमान करना किसी धर्म का उद्देश्य नहीं होता। जिन पाखंडियों ने धर्म के नाम पर पिछड़ो, महिलाओं को अपमानित किया, नीच कहा, वो अधर्मी हैं।