
H3N2 Virus: पुडुचेरी में 16 से 26 मार्च तक स्कूल बंद, बच्चों को वायरस के प्रभाव से बचाने के लिए किया गया फैसला

लेखक-शिल्पा गांधी
पुडुचेरी: एच3एन2 (H3N2) वायरस के बढ़ने से केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में कक्षा 8वीं तक के सभी स्कूल बंद करने की घोषणा की हैं। प्रदेश में वायरस के लगातार बढ़ने से लोग बेहद परेशन हैं। इसके प्रभाव से बच्चों को बचाने के लिए पुडुचेरी सरकार ने 16 मार्च 2023 से 26 मार्च 2023 तक सभी स्कूल बंद करने का फैसला किया है।
बच्चों को वायरस के प्रभाव से बचाने के लिए स्कूल बंद
पुडुचेरी में 4 मार्च तक H3N2 वायरस के 79 मामले दर्ज हुए हैं, लेकिन गनीमत ये रही रही कि, किसी की भी मौत नहीं हुई हैं। यह वायरस बच्चों में ना फैले इसलिए शिक्षा मंत्री ए.नम्माशिवयम ने कहा कि सभी स्कूलो मे छुट्टी रहेगी ताकि बच्चों पर इसका असर न हो। पुडुचेरी, कराईकल, माहे और यनम में 16-26 मार्च तक स्कूल बंद रहेंगे।
इन प्रदेशों में H3N2 वायरस से हुई मौत
दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और कर्नाटक समेत कई अन्य राज्यों में एच3एन2 वायरस के कई मामले दर्ज हुए हैं। इससे पहले महाराष्ट्र के अहमदनगर में 23 साल के मेडिकल छात्र की H3N2 वायरस से मौत हो गई थी। वहीं सोमवार को गुजरात के वडोदरा में H3N2 वायरस से पहली मौत की खबर मिली। कर्नाटक के हासन में इस वायरस के कारण 82 साल के व्यक्ति की मौत हो गई। हरियाणा में भी एच3एन2 वायरस के संक्रमण से एक व्यक्ति ने अपनी जान गंवा दी। रिपोर्ट के अनुसार भारत में अभी तक इस वायरस से 9 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
ये हैं H3N2 वायरस के लक्षण
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार यह वायरस सबसे पहले 2011 में एवियन, स्वाइन और मानव वायरस एक गैर-मानव इन्फ्लूएंजा वायरस हैं। इसके लक्षण बुखार, खांसी और नाक बहना है, साथ ही शरीर मे दर्द और उल्टी भी हैं। इस वायरस से 5 साल से कम उम्र के बच्चे और 65 साल या उससे अधिक उम्र के लोगो को ज्यादा खतरा हैं।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार H3N2 वायरस ज्यादातर संक्रमित सूअरों के संपर्क में आने से लोगों के शरीर में प्रवेश करता हैं। जो लोग अपने घर में सूअर पालते हैं, वे संक्रमित सूअरों के खांसने या छींकने या शारीरिक संपर्क में आने पर हवा में बनी बूंदों के माध्यम से H3N2 वायरस से संक्रमित हो जाते हैं। जब आप उन सूअरों के समान संक्रमित हवा में सांस लेते हैं, तो वायरस आपके शरीर में आपके बाहरी शरीर जैसे मुंह, नाक, आंखों या कानों में प्रवेश कर सकता हैं।
H3N2 वायरस का इलाज
अधिकांश शोधकर्ताओं और डॉक्टर का कहना है कि इन्फ्लूएंजा वायरस के लिए निर्धारित एंटीवायरल दवाएं इस H3N2 वैरिएंट पर लागू होती हैं। वर्तमान में, अखिल भारतीय चिकित्सा संघ ने सभी भारतीय डॉक्टरों को ओसेल्टामिविर और ज़नामिविर एंटीवायरल दवाएं रिकेमेंड की है। H3N2 वायरस से संक्रमित रोगी का प्रारंभिक अवस्था में ही इलाज करना सबसे अच्छा होता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर डॉक्टर द्वारा बताए गए दवा का कोर्स पूरा करें। जीवाणुरोधी गोलियां केवल तभी लें जब किसी सत्यापित चिकित्सक ने उन्हें आपके लिए निर्धारित किया हो।