
खूब खाओ मोमोज-स्प्रिंग रोल, FOOD चाइनीज पर TASTE उत्तराखंड का...

फूड कल्चर और फिटनेस
कोटद्वार। अब चाइनीज खाने में मैदे की जगह उत्तराखंड का मंडुवा ले रहा है। मंडुवे के आटे से कोटद्वार में मोमो और स्प्रिंग रोल जैसे तमाम फूज आइटम्स तैयार किए जा रहे हैं।
मंडुवा आपकी जिंदगी के लिए सुपरफूड
पहाड़ में उपजाया जानेवाला मंडुवा मोटा अनाज है। लो कैलोरी और मधुमेहनाशक गुणों के कारण इसकी काफी पूछ है। मोटे अनाज के बारे में कहा जाता है कि इस में लौह तत्त्व प्रचुर मात्रा में होते हैं जो शरीर को मजबूत बनाते हैं और रोग से लड़ने की जबरदस्त क्षमता शरीर में पैदा करते हैं। पहाड़ में अमूमन कहा जाता है कि पहाड़ पर तेजी से चढ़ना है और हट्टाकट्टा बना रहना है तो रोज मंड़ुवे की रोटी खाओ।आपको पता है इसकी खेती में यूरिया और दूसरे रसायनों की जरूरत भी नहीं पड़ती। इसलिए ये पर्यावरण के लिए भी बेहतर है।
पहाड़ी व्यंजन का रोजगार कनेक्शन
होटल मैनेजमेंट का कोर्स संचालित करने वाले अजेंद्र राणा कहते हैं कि मंडुवे से लजीज व्यंजन बनेंगे तो लोग इन्हें सीखेंगे, इन्हें बेचेंगे, जिससे रोजगार मिलेगा, पलायन रुकेगा। स्वास्थ्य के लिए भी ये बेहद अच्छा है। इस तरफ ध्यान दिया जाए तो मंडुवा और दूसरे पहाड़ी अनाजों को रोजगार का बेहतर जरिया बनाया जा सकता है।
छात्र सीख रहें हैं नए-नए व्यंजन बनाना
छात्र मंडुवे से नए नए व्यंजन बनाना सीख रहे हैं जो मंडुवे की चाइनीज डिशेज़ के रूप में तैयार हो रही हैं। मंडुवे के इस्तेमाल से कहीं फायदे होंगे। सबसे पहले तो लोग पहाड़ी अनाज से दोबारा जुड़ेंगे जिससे पहाड़ी उत्पादों की ख़पत भी बढ़ेगी।
आज हम देखते हैं कि जिस भोजन को हमने छोड़ दिया, उसको दुनिया ने अपनाना शुरु कर दिया।
— PMO India (@PMOIndia) August 30, 2019
जौ, ज्वार, रागी, कोदो, सामा, बाजरा, सांवा, ऐसे अनेक अनाज कभी हमारे खान-पान का हिस्सा हुआ करते थे।
लेकिन ये हमारी थालियों से गायब हो गए।
अब इस पोषक आहार की पूरी दुनिया में डिमांड है: PM
30 अगस्त 2019 को आयुष मंत्रालय के कार्यक्रम में पीएम मोदी कहते हैं कि, "आज हम देखते हैं कि जिस भोजन को हमने छोड़ दिया, उसको दुनिया ने अपनाना शुरू कर दिया। जौ, ज्वार, रागी, कोदो, सामा, बाजरा, सांवा, ऐसे अनेक अनाज कभी हमारे खान-पान का हिस्सा हुआ करते थे। लेकिन ये हमारी थालियों से गायब हो गए। अब इस पोषक आहार की पूरी दुनिया में डिमांड है।"
मंडुवे की पौष्टिकता का बखान पीएम नरेंद्र मोदी अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में भी कर चुके हैं। पिछले साल उन्होंने मन की बात कार्यक्रम में मां चिल्टा आजीविका स्वायत्त सहकारिता मुनार का जिक्र किया था। पीएम ने बताया था कि किस तरह गांववाले मंडुवे का उत्पादन कर अपनी आर्थिक स्थिति सुधार रहे हैं।
सरकार मोटे अनाज की खेती पर दे रही है जोर
केंद्र सरकार मोटे अनाज की खेती पर जोर दे रही है क्योंकि बढ़ती आबादी के लिए पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध करवाने में यही अनाज सक्षम हो सकते हैं। मोटे अनाज पोषण का सबसे बेहतरीन जरिया हैं। सरकार इसके पोषक गुणों को देखते हुए इसे मिड डे मील स्कीम और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भी शामिल करने की सोच रही है।
केंद्र सरकार ने मोटा अनाज की खेती के लिए प्रेरित करने के लिए साल 2018 को मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया था। उस वक्त कृषि मंत्री रहे राधामोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्र संघ खाद्य एवं कृषि संगठन को पत्र लिखकर 2019 को मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने की अपील की थी।